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एनीमिया और मोटापा में क्या है संबंध
वास्तव में एनीमिया कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई बीमारियों की वजह जरूर बन सकता है। समय रहते इस पर काबू पाकर सेहत संबंधी कई गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
पिछले कुछ सालों के दौरान भारत सहित दुनिया भर में एनीमिया पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बदलती जीवनशैली के साथ आहार संबंधी आदतों में होने वाला बदलाव इस समस्या के मुख्य कारण के रूप में सामने आ रहा है।
वास्तव में एनीमिया कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई बीमारियों की वजह जरूर बन सकता है। समय रहते इस पर काबू पाकर सेहत संबंधी कई गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
क्या है एनीमिया
हमारे शरीर को हेल्दी और फिट रहने के लिए अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ आयरन की भी जरूरत होती है। आयरन ही हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं ही शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं।
हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसकी वजह से कमजोरी और थकान महसूस होती है, इसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं।
ये हैं लक्षण
-चक्कर आना
-थकान होना
-त्वचा का पीला पड़ना
-सीने में दर्द
-तलवे और हथेलियों का ठंडा पड़ना
-लगातार सिर में दर्द
-शरीर में तापमान की कमी
-आंखों के नीचे काले घेरे
महिलाएं बनती हैं शिकार
शरीर के रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाला रोग एनीमिया ऐसी समस्या है, जिसकी अधिकांश महिलाएं शिकार होती हैं। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया का प्रभाव अधिक पाया जाता है। गर्भावस्था के दौरान शरीर को अधिक मात्रा में विटामिन, मिनरल व फाइबर आदि की जरूरत होती है। रक्त में लौह तत्वों की कमी होने से शारीरिक दुर्बलता बढ़ती है।
वजन कम करने के लिए डाइटिंग कर रही लड़कियां भी इसकी शिकार हो जाती हैं। पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग होने पर, युट्रस में ट्यूमर, आंतों का अल्सर या पाइल्स के कारण भी एनीमिया की आशंका बढ़ जाती है। बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करवाने वाली महिलाओं को भी एनीमिया होने का खतरा रहता है।
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर जुगल किशोर बताते हैं, "एनीमिया का मतलब है शरीर में रेड ब्लड सेल्स कम होना। इसके कई कारण हो सकते हैं। महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान या पीरियड्स में अत्यधिक रक्त स्राव होने के कारण एनीमिया हो सकता है। आमतौर पर पाइल्स या अल्सर के कारण भी एनीमिया हो सकता है।"
उन्होंने आगे बताया, "आजकल पर्यावरण में मौजूद हानिकारक तत्व भी एनीमिया का कारण बन रहे हैं। सबसे पहले सही कारण का पता लगाएं और उसके अनुसार उपचार लें। सही मात्रा में पोषक तत्व युक्त भोजन इसका सबसे पहला उपाय है ज्यादा समस्या होने पर खून चढ़ाने की भी जरूरत पड़ सकती है। एनीमिया की समस्या बढ़ने से व्यक्ति हृदय आघात भी हो सकता है। समय रहते ध्यान देना बहुत जरूरी है।"
बचने के कई रास्ते
एक अकेली एनीमिया की समस्या, कई बीमारियों की जड़ है। इसे जड़ से खत्म करने के लिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना जरूरी है। एनीमिया को ठीक होने में कम से कम छह महीने का समय लगता है। एनीमिया का मुकाबला करने के लिए मांस, अंडा, मछली, किशमिश, सूखी खुबानी, हरी बीन्स, पालक और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे आयरन से परिपूर्ण आहार का सेवन महत्वपूर्ण है।
आयरन युक्त डाइट तभी फायदेमंद होती है, जब उसके साथ विटामिन सी का भी सेवन किया जाता है। विटामिन-सी के लिए अमरूद, आंवला और संतरे का जूस लें। कुछ लोग आयरन सप्लीमेंट्स लेना पसंद करते हैं, लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह पर ही लें। अत्यधिक आयरन भी खतरनाक हो सकता है।
खून बढ़ाने वाले आहार
चुकंदर- यह आयरन का अच्छा स्त्रोत है। इसको रोज खाने में सलाद या सब्जी के तौर पर शामिल करने से शरीर में खून की कमी नहीं होती।
हरी पत्तेदार सब्जी- पालक, ब्रोकोली, पत्तागोभी, गोभी, शलजम और शकरकंद जैसी सब्जियां सेहत के लिए बहुत अच्छी होती हैं। वजन कम होने के साथ खून भी बढ़ता है। पेट भी ठीक रहता है।
सूखे मेवे- खजूर, बादाम और किशमिश का खूब प्रयोग करना चाहिए। इसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है।
फल- खजूर, तरबूज, सेब, अंगूर, किशमिश और अनार खाने से खून बढ़ता है। अनार खाना एनीमिया में काफी फायदा करता है। प्रतिदिन अनार का सेवन करें।
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