क्या ब्रेस्ट पंप दूध की आपूर्ति बढ़ा सकता है?healthplanet.net

Posted on Wed 19th Oct 2022 : 10:22

स्तनपान के तुरंत बाद पंप करने से दूध का उत्पादन बढ़ सकता है, जिससे स्तन अधिरक्तता, अवरुद्ध नलिकाएं और अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। यदि चूसना प्रभावी है, अतिरिक्त पंप करना अनावश्यक है।

स्तन दूध की अत्याधिक आपूर्ति का क्या मतलब है?
स्तन दूध की अत्याधिक आपूर्ति या हाइपरलैक्टेशन का मतलब है कि आपके स्तनों में बहुत ज्यादा दूध है और वे कभी नरम और आरामदेह नहीं लगते।

जिन शिशुओं की माँएं अत्याधिक दूध का उत्पादन करती हैं, उन शिशुओं का वजन तेजी से बढ़ता है और वे औसत से अधिक नैपी या लंगोट गीली और गंदी करते हैंं

हो सकता है आप और आपका शिशु ज्यादा दूध और तेज प्रवाह को बिना किसी परेशानी के संभाल लें या फिर संभव है कि इसमें परेशानी आए।

यदि आपके दूध का प्रवाह बहुत तेज है, तो शिशु को निम्न समस्याएं आ सकती हैं:

स्तन मुंह से निकाल देता है।
प्रवाह कम करने के लिए वह स्तन को मसूढ़ों से काटता है।
खांसी करता है और दूध के छींटे बाहर निकालता है क्योंकि वह इतनी जल्दी दूध गटक नहीं पाता।
अपना शरीर आपसे दूर करने लगता है, स्तन मुंह में लेने से मना करता है और परेशान हो जाता है।
दूध का प्रवाह कम करने के लिए वह स्तन का अग्रभाग पूरा मुंह में लेने की बजाय केवल निप्पल मुंह में लेता है।
वह अक्सर दूध उलटता है या उसे बहुत ज्यादा गैस बनती है।
उसकी नैपी बहुत ज्यादा गीली रहती है, मल बहुत तेजी से निकलता है और कई बार हरा होता है।

जब आप स्तनपान कराने का अभ्यास कर रही होती हैं, उस दौरान शिशु को मुंह से दूध निकालते हुए या स्तन से मुंह हटाते हुए देखकर बहुत निराशा होती है।

आपके स्तनों को शिशु की जरुरत के अनुसार व्यवस्थित होने में कई हफ्तों का समय लगता है। आप और आपका शिशु धीरे-धीरे स्तनपान की ऐसी दिनचर्या में व्यवस्थित हो जाएंगे, जो आप दोनों के लिए आरामदेह हो।

आपके शिशु के सामान्य और स्वाभाविक फीडिंग रिफ्लेक्स जैसे कि सिर हिलाना आदि भी आपके स्तनों को उत्प्रेरित कर सकते हैं और शिशु द्वारा स्तन मुंह में लेने से पहले ही दूध निकलना शुरु हो सकता है। जब आपका एक बार में बहुत सारा दूध आ जाए तो इसे अक्सर अतिसक्रिय लेटडाउन कहा जाता है।
मेरा लेटडाउन रिफ्लेक्स इतना तेज क्यों होता है?
स्तनपान के शुरुआती दिनों में जब दूध आने लगता है तो आपके स्तन बहुत ज्यादा दूध का उत्पादन करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आपका शरीर बहुत सारा दूध बना रहा है जिससे आप जरुरत हो तो जुड़वा शिशुओं को और यहां तक कि तीन शिशुओं को भी स्तनपान करा सकती हैं।

जैसे ही आपका शिशु सफलतापूर्वक दूध पीना शुरु कर देता है, तो आपके दूध का उत्पादन भी व्यवस्थित होने लगता है। इसके बाद आप शिशु को उतना ही दूध उपलब्ध कराती हैं, जितना उसे चाहिए होता है।

इसके बाद भी यदि समस्या जारी रहे, तो इसके बहुत से कारण हो सकते हैं। इनमें से अधिकांश शिशु के स्तनपान करने के तरीके से जुड़े होते हैं। समस्याएं निम्न कारणों से हो सकती है:

शिशु का सही ढंग से स्तन मुंह में न लेना। इसका मतलब है कि शिशु स्तन से दूध निकालकर अपना पेट नहीं भर पा रहा है, इसलिए वह बार-बार स्तनपान करना चाहता है।
एक स्तन से पूरा दूध पिलाने से पहले ही दूसरे स्तन से दूध पिलाना शुरु कर देना।
शिशु की जरुरत से ज्यादा दूध एक्सप्रेस करना। आपके स्तन मांग के अनुसार दूध का उत्पादन करते हैं, इसलिए यदि जब शिशु दूध पीना चाहे तब आप दूध एक्सप्रेस करें, तो इससे स्तन और अधिक दूध उत्पादन करने के लिए उत्प्रेरित हो सकते हैं।

बहुत ज्यादा दूध की आपूर्ति दुर्लभ है और यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है या फिर किसी दवा का साइड इफेक्ट। अगर आपको ऐसा लगता है, तो इस बारे में डॉक्टर से बात करें।
शिशु को आसानी से स्तनपान करने में मैं कैसे मदद कर सकती हूं?
दो चीजें हैं जो आप आजमाकर देख सकती हैं। आप शिशु को दूध के तेज प्रवाह के साथ व्यवस्थित होने में मदद कर सकती हैं और अपने स्तनदूध के उत्पादन की मात्रा घटा सकती हैं।

यदि आपका दूध रिसता है या स्प्रे की तरह निकलता है तो शिशु के लिए स्तन का बड़ा अग्रभाग मुंह में लेना मुश्किल हो सकता है। निम्नांकित सुझाव शिशु की मदद कर सकते हैं:

अलग-अलग अवस्थाओं में स्तनपान करवाना। शिशु को दूध पीने के लिए अपनी तरफ मुंह करके बिठाने का प्रयास करें, उसका सिर थोड़ा पीछे की तरफ झुकने दें (कोआला अवस्था)। आप खुद भी लेट कर या पीछे की तरफ झुककर और शिशु को अपने ऊपर लेकर अर्धलेटी अवस्था में दूध पिला सकती हैं। इस तरह गुरुत्व के इस्तेमाल से आप दूध का प्रवाह कम कर सकती हैं।
शिशु को बार-बार दूध पिलाने का प्रयास करें, ताकि हर बार दूध के प्रवाह को कम किया जा सके। या फिर आप शिशु को सोते समय दूध पिला सकती हैं, ताकि वह अधिक सहजता से स्तन चूसे।
हर स्तनपान से पहले अपने हाथ या ब्रेस्ट पंप से थोड़ा दूध निकाल लें ताकि प्रवाह धीमा पड़ जाए। आप इस दूध को फेंक सकती हैं या फिर किसी कीटाणुमुक्त कंटेंनर में एक्सप्रेस करें ताकि बाद में शिशु को यह दूध पिला सकें। बहुत ज्यादा दूध भी न निकालें और एक फीड से दूसरे फीड के बीच भी दूध एक्सप्रेस न करें। आप जितना ज्यादा दूध स्तनों से निकालेंगी, मांग को पूरा करने के लिए उतना ही ज्यादा दूध का उत्पादन करेंगी।
जब आपका शिशु दूध पीने के लिए स्तन के पास सिर हिलाना या चूसना शुरु करता है और लेटडाउन रिफ्लेक्स शुरु हो जाता है, तो इस शुरुआती प्रवाह को किसी तौलिये या टिश्यू में ले लें। यदि शिशु ने पहले ही स्तन मुंह में ले लिया हो, तो आपको हल्के से चुसाव रोककर ऐसा करना पड़ सकता है। इसके बाद जब प्रवाह थोड़ा कम हो जाए तो दोबारा शिशु को स्तन मुंह में लेने दें।
जब शिशु बीच में रुकना चाहे तो उसे स्तन अपने आप छोड़ने दें।

यदि मेरे स्तन दूध की आपूर्ति धीमी न हो तो क्या करुं?
यदि आप अब भी बहुत ज्यादा दूध का उत्पादन कर रही हैं, तो आप इसे कम करने का प्रयास कर सकती हैं। यह प्रयास केवल तभी करें जब आपके शिशु का वजन औसत से ज्यादा जल्दी बढ़ रहा हो। शिशु के डॉक्टर उसके वजन देखकर इस बात की पुष्टि कर सकते हैं।

ब्लॉक-फीडिंग का मतलब है कि कुछ समय के लिए केवल एक स्तन से दूध पिलाना। शिशु को जितनी बार वह चाहे उतनी बार दूध पिलाएं। सुनिश्चित करें कि आप दो घंटे की अवधि में उसे केवल एक स्तन से दूध पिलाएं और उसके बाद अगले दो घंटों तक दूसरे स्तन से ही स्तनपान कराएं।

जब आप शिशु को केवल एक स्तन से दूध पिला रही हों, तो उस दौरान दूसरे स्तन का भारीपन कम करने के लिए थोड़ा दूध एक्सप्रेस कर लें। संभव हो तो हाथ से ही दूध निकालें, ताकि आप बहुत ज्यादा दूध एक्सप्रेस न कर पाएं।

इससे आपके दूध की आपूर्ति एक सप्ताह के अंदर कम हो जानी चाहिए। आने वाले सप्ताहों में शिशु के वजन पर नजर रखने में शिशु के डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि उसका उचित वजन बढ़ रहा है। आपको यह भी ध्यान देना चाहिए कि शिशु कितना ​पेशाब कर रहा है। हर दिन कम से कम उसकी छह लंगोट (नैपी) गीली होनी चाहिए। यह संकेत है कि आपके शिशु को पर्याप्त दूध मिल रहा है।

अपने डॉक्टर से पूछें यदि वे किसी स्तनपान सलाहकार (लैक्टेशन कंसल्टेंट) के बारे में बता सकते हैं। स्तनपान सलाहकार सही लैचिंग में मदद कर सकते हैं, साथ ही स्तनपान की सही अवस्था और दूध के प्रवाह को कम करने में भी सहयोग कर सकते हैं।

और अधिक मदद के लिए आप हमारा चित्रों पर आधारित लेख यह लेख स्तनपान कैसे कराएं पढ़ सकती हैं। आप स्तनपान संस्थानों की लिस्ट भी प्राप्त कर सकती हैं।

यदि आप शिशु की जरुरत से ज्यादा दूध एक्सप्रेस करना जारी रखती हैं, तो एक विकल्प यह है कि आप उन शिशुओं की मदद करें, जिनकी माँएं उन्हें स्तनपान करवाने में असमर्थ हैं। आप अपना अतिरिक्त दूध किसी दूध बैंक में दान करने के बारे में अपने डॉक्टर से बात कर सकती हैं।

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